दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा मिला है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की, जिसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट (VAT) में कमी करके लोगों को और राहत पहुंचाई है। इस फैसले से दिवाली पर लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत मिली और उनकी जेब पर कम असर पड़ा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर 7 रुपये और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर वैट कम किया। केंद्र और राज्य सरकार के इस फैसले के बाद लखनऊ में पेट्रोल 101.05 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.09 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। कई अन्य राज्यों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी कमी आई है। इससे आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक, सभी को फायदा हुआ है।
इस लेख में, हम जानेंगे कि किन-किन राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम किया है, और इससे आम जनता को कितनी राहत मिली है। हम यह भी देखेंगे कि आपके शहर में पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें क्या हैं, और आप SMS के जरिए अपने शहर के रेट कैसे जान सकते हैं। तो आइए, इस दिवाली राहत की खबर को विस्तार से जानते हैं।
दिवाली धमाका: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कटौती | Diwali Dhamaka: Huge Cut in Petrol and Diesel Prices
केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद, कई राज्यों ने भी वैट कम करके जनता को राहत दी है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कमी आई है, जिससे लोगों को दिवाली के त्योहार पर कुछ राहत मिली है।
यहां एक टेबल में विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का विवरण दिया गया है:
राज्य | पेट्रोल में कटौती (रु./लीटर) | डीजल में कटौती (रु./लीटर) |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | 7 | 2 |
कर्नाटक | 7 | 7 |
गोवा | 7 | 7 |
त्रिपुरा | 7 | 7 |
असम | 7 | 7 |
जम्मू-कश्मीर | 12 | 17 |
उत्तराखंड | 2 | जानकारी उपलब्ध नहीं |
किन राज्यों में मिली सबसे ज्यादा राहत | Which States Got the Most Relief?
कर्नाटक, गोवा, त्रिपुरा और असम की सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर करों में 7-7 रुपये की कमी की, जिससे वहां डीजल की कीमत में 17 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत में 12 रुपये प्रति लीटर की कमी आई。 जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पेट्रोल पर 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 17 रुपये प्रति लीटर की कमी करने का फैसला किया।
आपके शहर में पेट्रोल-डीजल के नए रेट कैसे जानें | How to Know the New Petrol-Diesel Rates in Your City
आप अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना SMS के जरिए भी चेक कर सकते हैं। इंडियन ऑयल (IOC) के उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9224992249 नंबर पर, एचपीसीएल (HPCL) के उपभोक्ता HPPRICE <डीलर कोड> लिखकर 9222201122 नंबर पर, और बीपीसीएल (BPCL) उपभोक्ता RSP<डीलर कोड> लिखकर 9223112222 नंबर पर भेज सकते हैं।
कीमतों में बदलाव का कारण | Reason for Price Change
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोज़ाना पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोज़ाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं。
MSME सेक्टर और आम आदमी पर प्रभाव | Impact on MSME Sector and Common Man
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती से MSME सेक्टर और आम आदमी दोनों को राहत मिली है। ट्रांसपोर्टेशन लागत कम होने से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें कम होंगी, जिससे महंगाई पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, आम आदमी के लिए यात्रा करना और दैनिक जीवन के खर्चों को वहन करना आसान हो जाएगा।
अन्य राज्यों में राहत | Relief in Other States
गुजरात, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक और गोवा ने केंद्र के पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की राहत के अलावा, 7 रुपये प्रति लीटर की और कटौती की है। उत्तराखंड ने पेट्रोल पर 2 रुपये कम किए हैं। बिहार में भी डीजल की कीमतों में कमी आई है।
निष्कर्ष | Conclusion
दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गई कटौती से आम जनता को काफी राहत मिली है। इससे न केवल लोगों को त्योहार मनाने में आसानी हुई है, बल्कि MSME सेक्टर को भी बढ़ावा मिला है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह राहत कब तक जारी रहती है और भविष्य में कीमतों में क्या बदलाव आते हैं।
Disclaimer: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार और अन्य कारकों पर निर्भर करती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह राहत अस्थायी है और आने वाले समय में कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और ईंधन की खपत को लेकर समझदारी से काम लेना चाहिए।