अब Land Registry सिर्फ 15 मिनट में मोबाइल पर! 150 साल पुराने कानून को सरकार ने किया खत्म

भारत में जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया में 117 साल बाद ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। अब आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि 2025 से यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है।

मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे ही जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री करना अब संभव है। आइए, जानते हैं इस नए सिस्टम की पूरी जानकारी, फायदे, प्रक्रिया, और इससे जुड़ी हर जरूरी बात आसान हिंदी में।

क्यों खत्म हुआ अंग्रेजों का पुराना कानून?

  • अब तक संपत्ति का पंजीकरण 1908 में बने Registration Act के तहत होता था, जो अंग्रेजों के जमाने का कानून था।
  • यह कानून आज के डिजिटल युग में अप्रासंगिक हो गया था, क्योंकि इसमें सब कुछ मैनुअल, कागजी और समय लेने वाला था।
  • भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा, बिचौलियों की भूमिका और देरी आम समस्या थी।
  • अब सरकार ने नया Land Registry Rule 2025 लागू कर दिया है, जिसमें तकनीक और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है।

Land Registry Rule 2025 – क्या है नया?

बदलावविवरण
डिजिटल रजिस्ट्रेशनअब रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन होगी, सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में अपलोड होंगे।
मोबाइल ऐपमोबाइल ऐप के जरिए रजिस्ट्री, रिकॉर्ड देखना, डाउनलोड करना संभव।
आधार लिंकिंगमालिक का आधार नंबर रजिस्ट्री से लिंक होगा, फर्जीवाड़ा रोका जाएगा।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशनफिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन से पहचान पक्की होगी।
ई-स्टांपपेपर स्टांप की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांप।
रियल-टाइम अपडेटजमीन रिकॉर्ड में बदलाव तुरंत अपडेट होंगे।
एकीकृत डेटाबेससभी राज्यों का रिकॉर्ड एक केंद्रीय डेटाबेस में।
ऑनलाइन फीस भुगताननेट बैंकिंग, UPI, कार्ड आदि से फीस जमा कर सकते हैं।
डिजिटल सर्टिफिकेटरजिस्ट्रेशन के तुरंत बाद डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा
वीडियो रिकॉर्डिंगरजिस्ट्री की प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी।

कैसे करें मोबाइल से जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री?

1. मोबाइल ऐप या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन

  • सरकार ने ‘सुगम ऐप’ और अन्य राज्य स्तरीय पोर्टल शुरू किए हैं।
  • ऐप डाउनलोड करें या वेबसाइट पर जाएं।
  • लॉगिन/रजिस्टर करें और अपनी जानकारी भरें।

2. दस्तावेज अपलोड करें

  • आधार, पैन, फोटो, संपत्ति के दस्तावेज, बिक्री एग्रीमेंट, पॉवर ऑफ अटॉर्नी आदि अपलोड करें।
  • साइट के तीन दिशाओं से फोटो, अक्षांश-देशांतर (जियो-लोकेशन) की जानकारी भी जरूरी है।

3. ऑनलाइन फीस और ई-स्टांप

  • स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का चालान ऑनलाइन बनेगा।
  • नेट बैंकिंग, UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि से भुगतान करें
  • ई-स्टांप जनरेट कर सकते हैं।

4. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

  • फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन से पहचान पक्की होगी।
  • गवाहों की भी डिजिटल पहचान जरूरी है।

5. सत्यापन और निरीक्षण

  • दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच होगी।
  • जरूरत पड़ने पर पंजीयन अधिकारी 15 दिनों के भीतर साइट विजिट कर सकते हैं।

6. डिजिटल सर्टिफिकेट जारी

  • सफल सत्यापन के बाद डिजिटल रजिस्ट्री सर्टिफिकेट तुरंत जारी होगा।
  • इसे मोबाइल या पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं।

नए सिस्टम के फायदे

  • समय की बचत: दफ्तरों के चक्कर खत्म, प्रक्रिया तेज और सरल।
  • भ्रष्टाचार में कमी: बिचौलियों की भूमिका खत्म, सब कुछ डिजिटल रिकॉर्ड पर।
  • फर्जीवाड़ा रोकथाम: आधार, बायोमेट्रिक और वीडियो रिकॉर्डिंग से फर्जी रजिस्ट्री असंभव।
  • पारदर्शिता: हर कदम पर डिजिटल ट्रैकिंग और रिकॉर्ड।
  • सुरक्षा: ब्लॉकचेन जैसी तकनीक से डेटा सुरक्षित।
  • कहीं से भी रजिस्ट्री: देश के किसी भी कोने से मोबाइल या इंटरनेट के जरिए रजिस्ट्रेशन संभव।
  • 24/7 सुविधा: मोबाइल ऐप से कभी भी रिकॉर्ड देखें, डाउनलोड करें।

रजिस्ट्री की डिजिटल प्रक्रिया – एक नजर में

चरणविवरण
ऐप/पोर्टल लॉगिनमोबाइल नंबर/आधार से लॉगिन
दस्तावेज अपलोडआधार, फोटो, बिक्री एग्रीमेंट, जियो-लोकेशन फोटो
फीस भुगतानऑनलाइन चालान, ई-स्टांप
बायोमेट्रिकफिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन
सत्यापनऑनलाइन जांच, जरूरत पर साइट विजिट
सर्टिफिकेटडिजिटल रजिस्ट्री सर्टिफिकेट डाउनलोड

सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए क्या-क्या किया गया?

  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: रिकॉर्ड में छेड़छाड़ नामुमकिन, हर बदलाव का डिजिटल लॉग।
  • आधार-बेस्ड वेरिफिकेशन: असली मालिक की पहचान सुनिश्चित।
  • एकीकृत डेटाबेस: सभी राज्यों का रिकॉर्ड एक जगह, बेनामी संपत्ति पकड़ना आसान।
  • वीडियो रिकॉर्डिंग: हर रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग, बाद में विवाद की स्थिति में प्रमाण।
  • इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड: सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रहेंगे।

नए नियमों का असर – आम आदमी को क्या मिलेगा?

  • रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास बढ़ेगा।
  • बेनामी संपत्ति और विवादों पर लगाम लगेगी।
  • महिलाओं, बुजुर्गों, ग्रामीण इलाकों के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा।
  • बिक्री, गिफ्ट, लीज, पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे सभी ट्रांजैक्शन डिजिटल होंगे।

निष्कर्ष

117 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के कानून को खत्म कर भारत सरकार ने जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। अब मोबाइल या कंप्यूटर से घर बैठे रजिस्ट्री करना संभव है। इससे न सिर्फ समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा और विवाद भी कम होंगे। अगर आप संपत्ति खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो नए नियमों की पूरी जानकारी रखें और डिजिटल प्रक्रिया को अपनाएं – यह आपके लिए आसान, सुरक्षित और पारदर्शी है।

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